हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल अनवार" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार हैः
رسول خدا صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم نے فرمایا:
«إِنَّمَا فَاطِمَهُ شِجْنَهٌ مِنِّی، یَقْبِضُنِی مَا یَقْبِضُهَا، وَ یَبْسُطُنِی مَا یَبْسُطُهَا.
पैग़म्बर (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
फ़ातिमा मेरे वजूद का एक हिस्सा है। जो उसे दुखी करता है वह मुझे दुखी करता है और जो उसे खुश करता है वह मुझे खुश करता है।
बिहार उल अनवार, भाग 43, पेज 19
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